किशनगढ़ शैली
उदयसिंह के आठवे पुत्र किशन सिंह ने सन 1609 ई में अलग राज्य किशनगढ़ की नीँव डाली। यहाँ के राजा वल्लभ संप्रदाय के दीक्षित रहे, इसलिए राधा - कृष्ण की लीलाओ का साकार स्वरुप चित्रण के माध्यम से बहुलता से हुआ। किशनगढ़ शैली अपनी धार्मिकता के कारण विश्वप्रसिद्ध हुई। राज सिंह ने चित्रकार निहालचंद को चित्रशाला प्रबंधक बनाया।
बणी- ठणी |
राजा सावंत सिंह ( नागरी दास , जन्म - 1699 ) के समय में किशनगढ़ की चित्रकला में एक नवीन मोड़ आया। राजा सावंत सिंह का काल (1748 - 1764 ई ) किशनगढ़ शैली की दृष्टि से स्वर्णयुग कहा जा सकता है। अपनी विमाता द्वारा दिल्ली के अन्तः पुर से लाई गई सेविका उसके मन में समां गई। इस सुंदरी का नाम बणी - ठणी था। शीघ्र ही यह उसकी पासवान बन गई।
नागरी दास जी के काव्य प्रेम, गायन, बणी- ठानि से संगीत प्रेम और कलाकार मोरध्वज निहालचंद के चित्रांकन ने इस समय किशनगढ़ की चित्रकला को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचा दिया। नागरी दास की प्रेमिका बणी - ठणी को राधा के रूप में अंकित किया जाता है।
बणी - ठणी अर्थात राधा के रूप सौंदर्य का चित्रांकन शैली का विशेष आकर्षण रहा है। आश्चर्य की बात है कि राग - रागिनियों का चित्रण किशनगढ़ शैली में अनुपलब्द्ध है। किशनगढ़ शैली में काव्य में कल्पित रूप तथा माँसल सौंदर्य का चित्रांकन जादूभरा है। बेसरी (नाक का आभूषण ) अलग ढंग का है।
प्रकृति के विस्तृत प्रागण को चित्रित करने का श्रेय किशनगढ़ शैली को ही है। यही चित्रण बूंदी शैली में सीमित क्षेत्र में हुआ है। किशनगढ़ शैली के चित्रों में कई जगह ताम्बूल सेवन का वर्णन मिलता है।
किशनगढ़ शैली के अन्य प्रमुख चित्र है - दीपावली, सांझी लीला, नौका विहार, राधा(1760 ई ), गोवर्धन धारण, इसके चत्रकार निहाल चंद थे।
चित्रकार
किशनगढ़ शैली के चित्रकारों में अमीरचंद, धन्ना, भंवरलाल, छोटू, सूरतराम, सुरध्वज, मोर ध्वज निहालचंद, नानकराम, सीता राम, बदन सिंह, अमरू, सूरजमल, रामनाथ, जोश, सवाईराम, तुलसीदास, लालड़ी दास के नाम विशेष उल्लेखनीय है।
इस शैली का प्रसिद्ध चित्र बणी -ठणी ही है। जिसे एरिक डिकिंसन ने भारत की मोनालिसा कहा है। भारत सरकार ने 1973 ई में बणी- ठणी पर डाक टिकट जारी किया। किशनगढ़ शैली को प्रकाश में लेन का श्रेय एरिक डिकिंसन तथा डॉ फैयाज अली को है।
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Thanks sir. Really useful.
ReplyDeleteआप ने बहुत अच्छी जानकारी दिया है इस लेख में परन्तु और भी विस्तार वर्णन के लिए यहाँ से जानकारी मिल सकती है
ReplyDeletehttps://educationinhindi.com/किशनगढ़-शैली