भारतीय संविधान की प्रस्तावना
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संविधान का उद्देश्य संविधान का विस्तार तथा संविधान के लागू होने की तिथि दी गई है | भारतीय संविधान का स्त्रोत प्रस्तावना है |
Indian constitution |
हम भारत के लोग ........ → भारतीय संविधान का स्त्रोत जनता है भारत में सुप्रीम भी जनता ही है |
लोकतंत्र →भारत में अप्रत्यक्ष प्रतिनिधि प्रतिनिधि आत्मक लोकतंत्र है |
गणतंत्र →यह शब्द केवल प्रस्तावना में लिखा गया है जिसका अर्थ है कि भारत का सर्वोच्च व्यक्ति राष्ट्रपति निर्वाचित है |
पंथनिरपेक्ष → भारत सरकार का खुद का कोई एक धर्म नहीं है वह सभी धर्मों को समान मानती है |
समाजवादी → भारतीय संविधान में सभी संसाधनों पर सरकार का अधिकार होता है 1993 में उदारवादी वैश्वीकरण भूमंडलीकरण नीति के बाद यह शब्द अप्रासंगिक हो गया है |
सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय, राजनीतिक न्याय का उल्लेख प्रस्तावना व नीति निर्देशक तत्व दोनों में है |
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म, उपासना यह पांच प्रकार के स्वतंत्रता प्रस्तावना में है जबकि स्वतंत्रता के अधिकार में छह प्रकार की स्वतंत्रता दी गई हैं छठी प्रकार की स्वतंत्रता भाषण का अधिकार है |
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रस्तावना और अनुच्छेद 19 में है |
अवसर और प्रतिष्ठा शब्द का प्रयोग प्रस्तावना में किया गया है अवसर की समानता का उल्लेख अनुच्छेद 16 में है |
स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के शब्द फ़्रांस से लिए गए हैं यह फ्रांस की क्रांति के नारे हैं |
बंधुत्व शब्द प्रस्तावना व मूल कर्तव्यों में उल्लेखित है |
संविधान के लागू होने की तिथि संविधान की प्रस्तावना में लिखी हुई है |
भारत शब्द प्रस्तावना में दो बार आता है |
बंगाल बनाम भारत सरकार, 1960 बेरुबारी बाद में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का भाग नहीं है |
केसवानंद भारती बनाम केरल राज्य केस 1973 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत के संविधान के प्रस्तावना में संशोधन किया जा सकता है जो कि केवल एक बार हुआ है |
42वां संविधान संशोधन 1976 के तहत 3 शब्द जोड़े गए पंथनिरपेक्ष, समाजवाद और अखंडता और कहा गया कि संविधान का सबसे महत्वपूर्ण भाग प्रस्तावना है |
महत्वपूर्ण व्यक्तियों के कथन -
- प्रस्तावना भारतीय संविधान की आत्मा है → ठाकुरदास भार्गव
- प्रस्तावना भारतीय संविधान की जन्म कुंडली है → प्रेम मुंशी
एस आर मुंबई बनाम भारत सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावना को संविधान के आधारभूत संरचना कहा |
ये सभी पॉइंट पिछले वर्षो में पूछे गए प्रश्नो से बनाये गए नोट्स है | ये आर्टिकल आपको कैसा लगा कमेंट में लिख कर जजूर बताये और हमारे ब्लॉग को सब्स्क्रिब जरूर करे जिससे आपको आने वाले नए आर्टिकल का नोटिफिकेशन मिल सके।
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