राजस्थान की मीठे पानी की झीले
राजस्थान में झीलों में मीठे पानी होने का कारण साफ है कि इन झीलों में वर्षा का पानी पहाड़ो व मैदानों से बह कर झीलों में आकर जमा हो जाता है और ये पानी पुरे साल भर खेती व पीने के काम आता है | आज हम ऐसी ही कुछ झीलों की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे |
जयसमंद झील (ढेबर झील ) - यह झील उदयपुर में स्थित है | इस झील का निर्माण महाराणा जयसिंह के द्वारा किया गया | ये झील में गोमती नदी का पानी आता है |
जयसमंद झीले |
विशेषताए :
- कृत्रिम मीठे पानी की झीलों में ये राजस्थान की सबसे बड़ी झील है |
- इस झील में 7 टापू स्थित है जिसमे सबसे बड़ा टापू बाबा का भाखड़ा व सबसे छोटा टापू प्यारी है |
- इस टापू पर निवास करने वाली जनजाति भील है |
- जयसमंद झील से सिचाई के लिए श्यामपुरा व भाट नहर निकली गई है |
- जयसमंद झील को जलचरो की बस्ती कहा जाता है |
पिछोला झील - यह झील उदयपुर में स्थित है | यह झील का निर्माण एक बंजारे द्वारा करवाया गया | इस झील में सीसारमा व बुझरा नदी का पानी आता है |
पिछोला झील |
विशेषताए :
- इस नटनी का चबूतरा बना हुआ है | जिसका निर्माण राणा लाखा के द्वारा किया गया |
- इस झील में जगमंदिर , जिसका निर्माण जगत सिंह प्रथम व जगनिवास , जिसका निर्माण जगत सिंह द्वितीय द्वारा करवाया गया |
फ़तेह सागर झील - यह झील भी उदयपुर है | | इस झील को ड्यूक ऑफ़ कनॉट डैम भी कहते है | इस झील का निर्माण महाराणा जयसिंह द्वारा करवाया गया | इसका पुनः निर्माण फ़तेह सिंह द्वारा करवाया गया | इस लिए इस झील का नाम फ़तेह सागर नाम पड़ा |
नोट - पिछोला झील का अतिरिक्त पानी स्वरूप सागर द्वारा फतह सागर झील में जाता है |
फतह सागर झील |
विशेषताए -
- इस झीले पर सौर वैधशाला , टेलिस्कोप व नेहरू उद्यान है |
- इस झील के किनारे वर्चुअल फिश एक्वेरियम बनाया गया है |
उदयसागर झील - ये झील भी उदयपुर में स्थित है | उदयपुर में बहुत सी झील होने के कारण उदयपुर को झीलों की नगरी कहा जाता है | इस झील का निर्माण महाराणा उदयसिंह द्वारा करवाया गया है | इस झील में आयड़ / बेडच नदी का पानी आकर गिरता है |
नोट - आयड़ नदी इस झील में गिरने के बाद इसका नाम बेडच कहलाती है |
रंगसागर झील - ये झील भी उदयपुर में स्थित है | ये झील पिछोला व स्वरुप सागर के अतिरिक्त पानी से बानी हुई है |
बड़ी / जाना झील - ये झील उदयपुर में स्थित है | इसका नाम महाराणा राजसिंह की माता जी के नाम पर रखा गया है |
राजसमंद झील - ये झील राजसमंद जिले में स्थित है | यह राजस्थान की पहली ऐसी झील हे जिसका नाम जिले के नाम से ही रखा गया है | इसका निर्माण महाराणा राज सिंह के द्वारा करवाया गया।
नोट - राजसमंद झील देश की प्रथम अकाल रहत झील है। इसके निर्माण ,में सर्वाधिक लोगो का योगदान रहा है।
नौ चौकी पाल - राजसमंद झील का उत्तरी भाग जहा राज प्रसशति स्थित है। इसी झील के किनारे सौर घडी के अवशेष प्राप्त हुए है|
राज प्रसशति - नौ चौकी की पाल के पास ही राज प्रसशति स्थित है। ये प्रसशति 25 काले संगमरमर पत्थर से बानी हुई है। इसके लेखक रणछोड़ भट्ट तैलंग है। इस प्रसशति की भाषा संस्कृत है।
इस झील के पास ही द्वारकाधीश व घेवर माता का मंदिर स्थित है।
नक्की झील - ये झील राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित है। यह इस क्रेटर झील है। लोक कहावतों के अनुसार इस झील का निर्माण देवताओ के नाखुनो के द्वारा हुआ है।
नक्की झील |
विशेषताए -
- ये झील राजस्थान की सबसे ऊंची (1200 मि. ) व सबसे गहरी झील (35 मी. ) है।
- राजस्थान की शीतऋतु में एक मात्रा जमने वाली झील है।
- इस झील के किनारे विशेष आकृति की चट्टानें पाई जाती है। जैसे - टॉड रॉक, नन रॉक, नंदी रॉक, हॉर्न रॉक।
- राजस्थान की एक मात्र hill station वाली झील है।
- गरासिया जनजाति अस्थियो का विसर्जन ऐसी झील में करती है।
आनासागर झील - ये झील अजमेर स्थित है | इसका निर्माण चौहान शासक अर्णोराज द्वारा किया गया | इस झील में बांडी नदी का पानी अत है | आनासागर झील के किनारे बारादरी बनी हुई है | जिसका निर्माण शाहजहाँ द्वारा करवाया गया | इस झीले के किनारे एक उद्यान स्थित है | जिसका नाम दौलत बाग़ है | फॉय सागर का अतिरिक्त पानी इस झील में आता है |
फॉय सागर - ये झील भी अजमेर में स्थित है| इसका निर्माण इंजीनियर फॉय द्वारा करवाया गया| ये झील राजसमंद झील के बाद राजस्थान की दूसरी अकाल रहत झील है|
पुष्कर झील - ये झीले अजमेर है| यह एक क्रेटर झील है| यह सर्वाधिक पवित्र झील मानी जाती है| गाँधी जी , बाल ठाकरे तथा अटल बिहारी वाजपाई जी का अस्थि विसर्जन इसी झील में हुआ था| इस झील की सफाई कनाडा के सहयोग गई| कार्तिक पूर्णिमा को इस झील के किनारे पशु मेले का आयोजन होता है| चुकी ये एक तीर्थ स्थान है इस लिए इसे तीर्थ राज , तीर्थो का मामा , पांचवा तीर्थ कहा जाता है|
पुष्कर झील |
कोलायत झील - यह झील बीकानेर स्थित है| इस झील का निर्माण कपिल मुनि द्वारा करवाया| कार्तिक पूर्णिमा के दिन इस झील के किनारे मेले का जाता है| चारण जाती झील के दर्शन नहीं करती है|
गजनेर झील - यह झील बीकानेर स्थित है | इस झील को पानी का शुद्ध दर्पण कहा जाता है |
कायलाना झील - ये झील जोधपुर में स्थित है | इस सरप्रताप सागर झील भी कहते है | क्योकि इस झील का निर्माण सर प्रताप द्वारा करवाया गया | ये झील इंदिरा गाँधी नहर परियोजना से जुडी एक मात्रा झील है |
सिलीसेढ़ झील - ये झील अलवर में स्थित है | इस झील पर विनय विलास महल स्थित है |
अनुपसागर झील - बीकानेर
सूर सागर झील - बीकानेर
मानसागर झील - सवाई माधोपुर
कनक सागर - बूंदी
गैबसागर या एडवर्ड सागर झील - डूंगरपुर
रामसागर झील - धौलपुर
तालाबशाही झील - धौलपुर
पन्नाशाह झील - झुंझुनू
बालसमंद झील - जोधपुर
nice
ReplyDeleteराजस्थान की मीठे पानी की झीलें
ReplyDeleteराजस्थान राज्य की प्रमुख मीठे पानी की झीलें
राजस्थान में बहुत सी मीठे तथा खारे दोनों पानी की झीलें पायी जाती है। इनका विभाजन भी महान जल विभाजक रेखा अरावली पर्वत माला को माना गया है। पश्चिमी भाग में ज्यादातर खारे पानी की झील पायी जाती है तथा पूर्वी भाग में मीठे पानी की झीलें अधिक पाई जाती है।