दक्षिण - पूर्वी पठार या हाड़ौती
निर्माण - ज्वालामुखी के बेसाल्ट लावे से |
दक्षिण - पूर्वी पठार या हाड़ौती का पठार |
मिटटी - काली / रेगर
जलवायु - इस प्रदेश में आद्र अवं अतिआद्र जलवायु पाई जाती है |
कृषि - इस प्रदेश में मुख्य रूप से कपास, गन्ना, चावल, खट्टे रस दार फल, सब्जिया, आदि का मुख्या रूप से उतपादन होता है |
वनस्पति - यहां मुख्य रूप से साल, सागवान, जामुन, आम,बरगद, रोहिड़ा,महुआ,बांस आदि के वृक्ष पाए जाते है |
वर्षा - इस क्षेत्र में औसत वर्षा 80 से 100 CM तक होती है |
हाड़ौती को अध्ययन को दृष्टि से 2 मुख्य भागो में बांटा गया है |
- दक्कन का पठार
- विंध्यन कगार
नोट - GBF ( GREAT BOUNDARY FAULT ) एक भ्रंश है जो अरावली हाड़ौती के मध्य स्थित है | इसका विस्तार चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूंदी , सवाई माधोपुर,करौली व् धौलपुर जिलों में है |
दक्कन का पठार -
विस्तार -
मालव प्रदेश व झालावाड़
ऊपर माल - चित्तौरगढ़(भैंसरोड़गढ़ ) व भीलवाड़ा(बिजौलिया ) के मध्य |
विंध्यन कगार भूमि -
विस्तार-
- हाड़ौती - कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ |
- डांग - करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर |
नोट - विषयन कगार में पाई जाने वाली चट्टानें
- सैंडस्टोन
- लाइमस्टोन
- रेडस्टोन
- कोटास्टोन
- हीरा
हाड़ौती के गौण भाग -
अर्धचन्द्राकार पहाड़ी
- बूंदी हिल्स मुकुंदरा हिल्स (कोटा, झालावाड़ )
शाहबाद उच्च भूमि
- बारां (घोड़े की नल जैसी पहाड़ी )
डग - गंगधर उच्च भूमि
- झालावाड़
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